समकालीन कहानी: भाषिक अस्मिता और भूमंडलीकरण की चुनौतियाँ (संदर्भः उदय प्रकाश...
रानी कुमारी रानी कुमारी (शोधार्थी) पीएच. डी (हिन्दी), दिल्ली विश्वविद्यालय संपर्क:मो. 8447695277 समकालीन समाज भूमंडलीकरण के प्रभाव में पल बढ़ रहा है। इसी कारण इसके सरोकार बदल गए हैं। इसे मूल्य-परिवर्तन...
View Articleसॉफ्ट पोर्न नहीं: ये मध्यवर्गीय स्त्री की कामनाओं के नोट्स हैं
एक आंकडे के अनुसार भारत में 67 प्रतिशत लोगों के पास आज भी गैस कनेक्शन नहीं है, वे लकड़ी, कोयला या अन्य इंधन माध्यमों के उपयोग से खाना बनाते हैं- इस तरह गैस की बढ़ती कीमत 67 प्रतिशत का कंसर्न नहीं है, वे...
View Article‘अनारकली आॅफ आरा’ : आंसुओं से उपजी आग और भरोसे की उम्मीद
मृणाल वल्लरी राष्ट्रगान के वक्त खड़े होने की ड्यूटी पूरीकरने के बाद जब आप खींचती हुई एक खास जमीनी मंचीय आवाज के साथ दुष्यंत कुमार की पंक्तियों से रूबरू होते हैं, तभी एक सोंधी खुशबू से सराबोर सिनेमा का...
View Articleस्त्री-पुरुष अलग-अलग प्रांत नहीं
डॉ. आरती संपादक , समय के साखी ( साहित्यिक पत्रिका ) संपर्क :samaysakhi@gmail.com तेजाब हिंसा से संबंधित खबरों के शीर्षकों की बानगी देखिए- .प्रेम प्रस्ताव ठुकराए जाने पर युवती पर फेंका तेजाब... ....
View Articleशास्त्रीय सुरों की मल्लिका जिन्हें जनता ने 'गानसरस्वती 'नाम दिया
स्त्रीकाल डेस्क 'गानसरस्वती 'नाम से समादृत भारतीय शास्त्रीय संगीत गायिका किशोरी आमोनकर का सोमवार देर रात मुम्बई में निधन हो गया. 84 साल की उम्र में हमें अलविदा कह गई किशोरी ताई अमोणकर का सम्बन्ध...
View Articleहै मुझको जमशेद तेरे जाम से भी काम.....!!
प्रो.परिमळा अंबेकरविभागाध्यक्ष , हिन्दी विभाग , गुलबर्गा वि वि, कर्नाटक में प्राध्यापिका और. परिमला आंबेकर मूलतः आलोचक हैं. हिन्दी में कहानियाँ अभी हाल से ही लिखना शुरू किया है....
View Articleविमर्श की ज़रुरत कहाँ
स्त्री की दशा को लेकर कई सारे व्याख्यान आयोजित होते हैं लगातार बहसें चल रही हैं पर ये बहसें कहाँ चल रही इसको देखना बहुत महत्वपूर्ण है ।ये सारी बहसें उच्च शिक्षण संस्थाओं तक ही सिमित हैं जहाँ पहले ही से...
View Articleअखिलेश्वर पांडेय की कविताएं
अखिलेश्वर पांडेय'पानी उदास है'कविता संग्रह प्रकाशित.एनएफआई का फेलोशिप और नेशनल मीडिया अवार्ड., प्रभात खबर में कार्यरत. संपर्क:apandey833@gmail.com मोबाइल : 8102397081 पतरापरदेस जाने से पहलेगांव में अब...
View Articleनाम अम्बेडकर विश्वविद्यालय, काम दलितों की उपेक्षा
दलित शोधार्थी गरिमा एवं रश्मि द्वारा लिखा गयाप्रगतिशील एवं लोकतान्त्रिक छात्र समुदाय (PDSC) द्वारा किये गए प्रदर्शन के दौरान यह एक बार फिर सिद्ध हो गया कि ‘हमारी’ अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, दिल्ली (AUD) के...
View Articleनाम जोती था मगर वे ज्वालामुखी थे
महात्मा जोतीबा फुले की जयंती (11 अप्रैल ) पर विशेष.... मनीषा बांगर और डा. जयंत चंद्रपाल इनका जीवनक्रम ज्योति था बिलकुलज्योति की तरह अन्धकार को विलय करनेवाला .. पर उनके कवन ज्वाला मुखी थे | इसीलिए...
View Articleसावित्री हमारी अगर माई न होती
जोतीबा फुलेकी जयंती (11 अप्रैल) पर उन्हें और सावित्रीबाई फुलेको याद करते हुए बाल गंगाधर “बागी” की कविता पढ़ते है. क्रांति ज्योति सावित्रीबाई फुलेसावित्री हमारी अगर माई न होतीतो अपनी कभी भी पढ़ाई न...
View Articleतुम मेरे साथ रहो मेंरे कातिल मेरे दिलदार
निवेदिता पेशे से पत्रकार. सामाजिक सांस्कृतिक आंदोलनों में भी सक्रिय .एक कविता संग्रह ‘ जख्म जितने थे’. भी दर्ज कराई है. सम्पर्क : niveditashakeel@gamaiमेरे लिये प्रेम उतना ही सहज हैजितना धूप, बारिश...
View Articleनिडरता की ओर छोटी-सी यात्रा
डॉ. आरती संपादक , समय के साखी ( साहित्यिक पत्रिका ) संपर्क :samaysakhi@gmail.com अनुभव बटोरने के लिए दुनियाभर के लेखकों द्वारा की गई यात्राओं के अनेक किस्से हैं। उस लिहाज से अपने गृह राज्य से हजार-दो...
View Articleथेरी गाथाओं में अभिव्यक्त मुक्तिकामी स्वर
स्नेह लता नेगीसहायक प्रो. हिन्दी विभाग,दिल्ली विश्वविद्यालय संपर्क:negi.sneh@gmail.com मोबाइल : 8586066430 इक्कीसवीं सदी में समाज के हर क्षेत्र में स्त्री ने अपनी बुद्धि और क्षमता का परिचय दिया है।...
View Articleजैनेन्द्र की कहानियों में स्त्री-प्रश्न
डॉ.दीनानाथ मौर्यजूनियर प्रोजेक्ट फेलो (भाषा शिक्षा विभाग) एन0सी0आर0टी0, नई दिल्ली . संपर्क: dnathjnu@gmail.com मोबाइल : 9999108490 एक बड़े रचनाकार हैं जैनेन्द्र .अपने समय के भी और आज के भी. प्रेमचंद्र...
View Articleस्त्री अस्मिता आंदोलन इतिहास के कुछ पन्ने
आलोक कुमार यादवजे.एन.यु.में शोधार्थी, नई दिल्ली . संपर्क:alokjnu87@gmail.com मोबाइल : 8010333108 प्राचीन काल से ही स्त्री, स्त्री का शोषण, उसकी समस्याएँ, उसकी सामाजिक स्थिति उसका विकास और समाज के...
View Articleखुदमुख्तार स्त्रियों का कथा -वितान: अन्हियारे तलछट में चमका
विकल सिंह‘अन्हियारे तलछट में चमका’ कहानीकार अल्पना मिश्र का पहला उपन्यास है.यह उपन्यास समाज में स्त्रियों की स्थिति को तो रेखांकित करता ही है, साथ ही उनके शोषण के नये सूत्रों को भी प्रस्तुत करता...
View Articleडॉ0 रामविलास की आलोचना और स्त्री संदर्भ
अपराजिता शर्मासहायक प्रोफ़ेसर,(हिंदी विभाग),मिरांडा हाउस,दिल्ली विश्वविद्यालय . संपर्क:aparajitasharmamh@gmail.com बाजारवाद पर जो लोग अच्छी चर्चा कर रहे हैं वे स्त्रीवादी विमर्श के लोग हैं. बाजार का...
View Articleविकल सिंह की कवितायें
विकल सिंहगुजरात केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शोधरत है. . संपर्क: vikalpatel786@gmail.com मो: 07897551642 आदिवासी स्त्री“वह सभ्य समाज की जड़ता कोसिंचित करती नक्कासी में,न धर्म-भेद का ज्ञान उसेन जाती...
View Articleवृत्तचित्र 'तेरी जमीं तेरा आसमां'का प्रीमियर 29 अप्रैल को अमेरिका में
'तेरी जमीं तेरा आसमां'नामक 45 मिनट के वृत्तचित्र की थीम है 'भारतीय नारी! तू आजाद कहां।'इस फिल्म में विभिन्न क्षेत्रों की भारतीय महिलाएं चाहे वे सामान्य घरेलू महिलाएं हों या असाधारण काम करने वाली कोई...
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