आजादी के 70 साल बाद भी लोकसभामें आज तक महिलाओं की 12% भागीदारी ही संभव हो पाई है. विभिन्न राज्यों के विधान सभाओं में यह प्रतिशत और भी न के बराबर है. स्त्रीकाल महिला आरक्षण को जल्द से जल्द पारित करवाने के पक्ष में है और उसके लिए चल रहे मुहीमों में हम प्रतिनिधि के तौर पर शामिल भी हैं, या इसके लिए वातावरण बनाने की मुहीम में कुछ प्लेटफॉर्म पर सक्रिय योगदान भी कर रहे हैं.
इसी कड़ी में हम आपसब की भागीदारीआमंत्रित करते हैं, स्त्रीकाल के पाठकों की भागीदारी. आइये हम सब मिलकर अपने आस-पास के महिला नेतृत्व को पहचानें. आप ऐसी महिलाओं के बारे में हमें 1000 शब्दों में लिख भेजें, जो आपके आस-पास सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक परिवर्तन में लगे हैं. उन महिलाओं के बारे में लिखें, जो विभिन्न मुद्दों के साथ सक्रिय हैं, परिवर्तन के संघर्ष की अगुआई कर रही हैं. किसी भी क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका में सक्रिय महिलाओं के बारे में लिखें- उनसे बातचीत कर उनके विचार सामने लायें. सुझाव के लिए निम्नाकित क्षेत्र हो सकते हैं:
1. शिक्षा
2. चिकित्सा
3. राजनीति
4. जल-जंगल-जमीन के संघर्ष
5. महिला-संगठन
6. शांति के लिए संघर्ष
7. मजदूर संगठन
8. सूचना अधिकार
9. पंचायती राज
10.कला-संस्कृति
ऐसे और अन्य क्षेत्र अपनी पसंद के महिला नेतृत्व को सामने लायें. उनके बारे में लिखें और हाँ उनकी तस्वीरें जरूर भेजें. संपर्क करें:
themarginalised@gmail.com, 8130284314,8527634627
इस योजना के तहत सामने आये महिला नेतृत्व के प्रोफाइल की एक पुस्तक भी हम द मार्जिनलाइज्ड
प्रकाशन से प्रकाशित करेंगे.