बेपढ़ ऐंकरों द्वारा दलित साहित्य पर हमले की नाकाम कोशिश अर्थात साहित्य आजतक
सुशील मानव साहित्य आज तक के दूसरे संस्करण में प्रगतिशीलता, सहिष्णुता, साहित्य, वामपंथी विचारधारा, स्त्री विमर्श और दलित विमर्श निशाने पर रहे। दलित लेखन पर तो उन सत्रों में भी हमला बोला गया जो कि दलित...
View Articleक्रूर और हिंसक यथार्थ में प्रेम और करुणा को बचाये रखने की कोशिश है समकालीन...
मीना बुद्धिराजाकविता अपनी संरचना और प्रकृति में तमाम भेद-भावोंसे परे और लिंग,वर्ण,समुदाय, जाति- वर्ग की अवधारणाओं से मुक्त और आज़ाद रहती है । मानवीय संवेदना और नियति के सामूहिक प्रश्नों को नि:संदेह...
View Articleवे 15 महिलायें जो सविधान सभा की सदस्य थीं,महिला अधिकारों के संघर्ष की...
26 नवंबर, संविधान दिवस विशेष जानिये उन 15 महिलाओं को जो संविधान सभा की सदस्य थीं. उन 15 महिलाओं में एकमात्र दलित महिला सदस्य केरल से थीं, जो केरल में दलित महिलाओं की उस पीढी से थीं, जिसने पहली बार...
View Articleस्त्री की यौन मुक्ति की लड़ाई, जो प्रो. कर्वे और डा. अम्बेडकर हार गये थे
संविधान दिवस विशेष लेखक: राजीव सुमन स्त्री के लिए यौन-मुक्ति की यह लड़ाई 1934 में प्रोफेसर कर्वे के पक्ष में डा. अम्बेडकर ने लड़ी थी. हालांकि बाबा साहेब यह केस हार गये लेकिन उनकी बहस के विचार संविधान में...
View Articleतुम्हारी माँ भी छेड़छाड़ की शिकार हुई, बेटों तुम्हें जानना चाहिए औरत की देह पर...
स्त्रीकाल डेस्क विश्व मुक्केवाजी चैम्पियनशिप में छठा स्वर्ण पदक जीतने वाली मैरी कॉम ने अपने साथ हुई यौन हिंसा और नस्लीय उत्पीड़न के बारे में अपने बेटों को एक चिट्ठी लिखकर बताया। मैरी कॉम तीन बच्चों की...
View Articleन मार्क्सवाद, न अंबेडकरवाद, न स्त्रीवाद , बस एक्सपोजर चाहिए और मंच
सुशील मानव देश और समाज में नफ़रत, वैमनस्य, असहिष्णुता, हताशा और मातम का माहौल है और साहित्य में लगातार एक के बाद उत्सव मनाए जा रहे हैं। पिछले ही सप्ताह इंडिया टुडे समूह का साहित्योत्सव‘साहित्य आजतक’...
View Article‘लड़की के शरीर पर मेरा चेहरा था, वो कपड़े उतार रही थी और मैं रो रही थी’: राणा...
पत्रकार राणा अयूब ने हाल में खुलासा किया कि वह एक भयंकर अश्लील वीडियो के हमले का शिकार हुईं. उनका पोर्न बनाकर वायरल करने वाली जमात कथित रूप से कुंठित राष्ट्रवादियों की जमात थी, जो एक बड़ी राजनीतिक...
View Articleसमता की सड़क जोतीबा फुले से होकर गुजरती है.
विकाश सिंह मौर्यजोतीबा फुले के परिनिर्वाण दिवस पर विशेष आज 28 नवंबर है। 28 नवंबर 1890 को जोतीराव गोविंदराव फुलेका परिनिर्वाण हुआ था। आज उन्हे याद करते हुए भारतीय समाज मे व्याप्त विसंगतियों और शोषण के...
View Articleबेड़ियाँ: अरविंद जैन की कहानी
अरविंद जैनअस्पताल के वार्ड नंबर 13 में घुसते ही अम्माँ दिखाई दे गई।बिस्तर पर बैठी अखबार के पन्ने फाड़-फाड़ कर, किश्तियाँ और हवाई जहाज बना रही है। मुझे देखते ही बोलने लगी "हो गई तेरी पढ़ाई पूरी (बी.ए......
View Articleराष्ट्रवाद, विश्वविद्यालय और टैंक: संदीप मील की कहानी
संदीप मील''हमारी बात की खिलाफ़त करने वालों का मुँह बंद कर दो।''''जनरल, सारी ताक़त इसी पर लगा रखी है। जल्द ही हो जाएगा।''''तुम समझ गए होगे कि मुझे कैसा मुल्क चाहिए।''''जनरल, आपको ऐसा मुल्क चाहिए जिसमें...
View Articleमाहवारी में हिमाचली महिलाएं नारकीय जीवन को मजबूर!
टीनाहिमाचल प्रदेश को देवभूमि कहा जाता है लेकिन फिर भी भले ही बदलते युग में समाज महिलाओं और पुरुषों को समान दर्जा देने की बात करता हो लेकिन इस सबके बावजूद हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसे भी गांव हैं जहां आज...
View Articleपिंजरे की तीलियों से बाहर आती मैना की कुहुक
स्मरणचंद्रकिरण सौनरेक्सा की 98 वीं जयंती पर... सुधा अरोड़ा''मैं देश के निम्नमध्यवर्गीय समाज की उपज हूं।मैंने देश के बहुसंख्यक समाज को विपरीत परिस्थितियों से जूझते, कुम्हलाते और समाप्त होते देखा है। वह...
View Article'दीवार में एक खिड़की रहती थी'उपन्यास में प्रकृति चित्रण
कस्तूरी वक्रवर्ती प्रकृति व्यापक अर्थ में, प्राकृतिक, भौतिक या पदार्थिकजगत या ब्रह्माण्ड हैं। प्रकृति का मूल अर्थ ब्रह्माण्ड है। इस ब्रह्माण्ड के एक छोटे से, टुकड़े के रूप में, इस पृथ्वी का अस्तित्व...
View Articleनाक की फुरूहुरी: सोनी पांडेय कहानी
सोनी पांडेयसोनी पांडेय लगातार लोक जीवन और ग्रामीण स्त्री-जीवन की प्रभावशाली कहानियाँ लिख रही हैं. ऐसे समय में जब महिला लेखन में यह परिवेश लगभग छूटता जा रहा है सोनी पांडेय की कहानियाँ आश्वस्त करती हैं....
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