स्त्रीकाल डेस्क
जनाक्रोश रंग ला रहा है. बिहार सरकार जनता की नजरों में कटघरे में है तो सुप्रीमकोर्ट इस मामले में स्वतः-संज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस भेज चुका है. आज वामदलों और विपक्ष के आह्वान पर बिहार बंद रहा. आइये बिहार बंद देखते हैं तस्वीरों में राकेश रंजन की एक मार्मिक कविता पढ़ते हुए.
पटना
शीर्षकहीन
राकेश रंजन
मुझे आपका खेत
नहीं जोतना मालिक
मेरा हल
खून से सन जाता है
उसमें बार-बार
फँसती हैं लाशें
फूल-सी बच्चियों की लाशें
आपके खेत में
दफ्न हैं मालिक
मार्च में शामिल महिलाऐं
दफ्न हैं
दबाई गई चीखें
घोंटी गई साँसें
फटी हुई आँखें
कुचले हुए अंग
उनके सीने से चिपकी हुई जोंकें
मेरा खून सोखती हैं मालिक
उनकी देह की मिट्टी
मेरी रोटी में
किचकिचाती है
जहानाबाद में ट्रेन रोको
उनकी जाँघों का रक्त
मेरी आँखों से बहता है मालिक
मुझे आपका खेत
नहीं जोतना
मुझे तुम्हारी कब्र
खोदनी है
हत्यारे!
दरभंगा में ट्रेन रोको
नालंदा
पुलिस से झड़प
आरा-पटना सड़क मार्ग
राकेश रंजन चर्चित कवि हैं. 'अभी-अभी जन्मा है कवि'सहित कई काव्य-संग्रह प्रकाशित.
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