रंगकर्मियों के प्रदर्शन कभी-कभी के ही दृश्यहोते हैं. रंगकर्म की अस्मिता और उसकी स्वायत्तता बचाये रखने के लिए रंगकर्मियों के एक समूह ने राजधानी के मंडी हाउस स्थित श्रीराम सेंटर के सामने आज (4दिसम्बर) उस वक्त प्रदर्शन किया जब दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया साहित्य कला परिषद के युवा महोत्सव का उदघाटन करने वहाँ पहुंचे. शांतिपूर्ण तरीके से हाथों में तख्तियां लिये रंगकर्मी श्रीराम सेंटर के गेट के पास खड़े थे लेकिन लोकतंत्र की कथित अगुआई करने वाली, उसकी बात करने वाली पार्टी के नम्बर दो मनीष सिदोदिया उन्हें नजरअंदाज कर आगे बढ़ते गये. यहाँ तक कि मीडियाकर्मियों ने जब उनसे इस बावत बात करनी चाही तो उन्होंने सिरे से मना कर दिया.
रंगकर्मियों का दिल्ली सरकार पर आरोप है कि वह मनमाने तरीके से रंगकर्म को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. उनके अनुसार दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद के युवा महोत्सव में अपनी दलगत राजनीति को बढ़ावा देने के लिए विषय नियंत्रित किये गये.
नाट्य निदेशक ईश्वर शून्य ने कहा कि'इस तरह यह कोशिश रंगकर्म को अपने प्रचार तन्त्र में बदल देने की है, जो आने वाली सरकारों में और भी असर डालेगी .' उन्होंने कहा कि देश भर के रंगकर्मियों की इस पर आपत्ति के बावजूद सरकार अपने निर्णय पर अडिग है.
दिल्ली सरकार के इस पहल को रंगकर्म केलोकतंत्र पर सीधा हमला बताते हुए समकालीन रंगमंच के संपादक राजेश चन्द्र ने कहा कि 'सरकार रंगकर्मियों को पर्याप्त मंचन सुविधा उपलब्ध कराने जैसे अपनी मुख्य भूमिका की जगह उसे अपने नियंत्रित माध्यम में बदलना चाहती है. उसे विभिन्न माध्यमों से बताया गया है कि सस्ती दर पर सरकार से जमीन लेकर श्रीराम सेंटर जैसे सभी थिएटर रंगकर्मियों से खूब पैसे वसूल करते हैं.'गौरतलब है कि दिल्ली की मंहगी जगह में बना श्रीराम सेंटर एक रूपये के टोकन अमाउंट के बदले दी गयी जमीन पर बना है.
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