Quantcast
Channel: स्त्री काल
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1054

यौन उत्पीड़न के शिकार वे सब: वे कोई भी हैं, वे जिन्हें हम जानते हैं

$
0
0

अपने यौन उत्पीड़न के बारे में #MeToo हैश टैग के साथबताने का सिलसिला ट्वीटर से शुरू होकर फेसबुक पर जारी है. सोशल मीडिया में स्त्रियाँ अपने बुरे अनुभव को शेयर कर रही हैं, उनमें महिलाओं पर यौन हिंसा के खिलाफ मुखर आवाज रही कविता कृष्णन से लेकर कई साहित्यकार, कलाकार, पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं. कई नामचीन हस्तियों के साथ-साथ वे सब अपने अनुभव शेयर कर रही हैं, जो हमारे-आपके बीच हैं और जो साहसी हैं. शेयर करना ही, कहना ही पहली शुरुआत है हमले के विरुद्ध माहौल बनाने के लिए, हमलावरों पर कार्रवाई के लिए या उन्हें अपराधबोध से भरने के लिए.


अपराजिता शर्मा का रेखांकन 

 
कविता कृष्णन ( महिला अधिकार कार्यकर्ता )

मुझे भी यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा– कई बार, अवांछित छूना और टेक्स्ट भेजना, ‘इनकार’ को तबज्जो न देना. मेरी शारीरिक निष्क्रियता, नियमित प्रश्नों का एक-आध शब्द में जवाब और उपेक्षा भाव को एकदम से तबज्जो नहीं दिया गया. जैसा ही उसने अपनी उत्पीड़न बढ़ाई, मैंने बिना देर किये ‘ना’ कहा, फिर भी यह जारी रखा गया. मेरी उम्मीद थी कि वह एक अनुभवी मेंटर के रूप में आदर प्राप्त व्यक्ति था, जिसे मैं वर्षों से जानती थीं, मेरे ‘ना’ का सम्मान करेगा लेकिन मुझे धोखा हुआ. सबसे खराब बात यह थी पचौरी शैली, वह ऐसा बर्ताव करता जैसे कि मैं जिस व्यवहार से घृणा कर रही थी, वह वास्तव में हमारे बीच एक गुप्त रोमांटिक समझौता था - मुझे लगता है कि उसके जैसे पुरुष यह स्वीकार नहीं करना चाहते हैं कि वे उत्पीड़न कर रहे हैं, वे इस तरह पेश आते हैं मानो अशिक हों. हाँ, मैं यहाँ इस बारे में बात नहीं करना चाहती कि मैं यह उत्पीड़न कैसे रोक सकी.

यदि हम सब, जिन्हें उनसे यौन उत्पीड़न या हमलेका सामना करना पड़ा है जिन्हें हम जनाते रहे, अपनी बात कहें कहें #MeToo तो शायद समस्या की भयावहता हो हम स्पष्ट कर सकते हैं. लेकिन सर ‘मी टू’ कहना भर ही पर्याप्त नहीं है यदि हम उन यौन उत्पीडन की शिकार महिलाओं को यह अहसास देना चाहते हैं कि ‘यदि यह सचमुच में गंभीर होता तो मैंने तुम्हारे जैसा व्यवहार नहीं किया होता’, जैसा कि भारत में बलात्कार या यौन हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं के बारे में कुछ लोगों को कहते सुना है. यौन हिंसा की शिकार महिलाओं के लिए बहुत अधिक सहानुभूति, सम्मान होना चाहिए और उनके साथ खड़े होने की जरूरत है.

      अपने यौन शोषण की घटनायें बताने का हैश टैग #MeToo 



मीनाक्षी चंडीवाल (शिक्षिका, दिल्ली विश्वविद्यालय)
हम सब जुड़वा है,अपने अनुभवों में!!आवाजे!जिन्हें हमने अपने घर,गली-मोहल्लों में सुना है..हमारे कान जुड़वा है! हमारे अनुभवों में याद आने वाले वो लिजलिजे स्पर्श...हमारे शरीर जुड़वे है !हम भूले नही है! पर आज हमारी आवाजे भी जुड़वा है उन 'आवाजो'के खिलाफ,हम जुड़वा है,उन घूरती निगाहों के खिलाफ...आखिर ये जुड़वापन कब खिलखलायेगा एक आज़ाद ख्याल की रोशनी मे??हम अपने जुड़वे होने के शायद कुछ खुश रंग अहसास भी बाँट पाएंगी एक दिन.....#Metoo#

कविता (साहित्यकार)
#MeToo. जब कहानियों में कहा कई बार तो यहां भी कहने से गुरेज नहीं ..मैं कहती हूँ और इसलिये भी कहती हूँ कि कुछ और जुबान पर पडे चुप्पी के ताले शायद इस तरह टूटे ...
(सोशल मीडिया पर सुबह से ही ये ट्रेंड चल रहा है। जिसमें हर वो लड़की जो कभी-ना-कभी यौन हमले का शिकार हुई हैं वो अपने वॉल पर #MeToo लिख रही हैं। अमेरिका से शुरू हुए इस ट्रेंड में दुनिया भर की महिलाएं हिस्सा ले रही हैं, जो साफ बताता है कि महिलाओं के साथ सेक्शुअल हरासमेंट की घटना कितनी भयावह है और हां ये कोई अपवाद नहीं।)

रंडी, या रंडी से कम और हाँ, बीबी से भी बलात्कार हक़ नहीं
   



सवा दीवान (लेखिका, फिल्मकार)
#MeToo एक बच्चे के रूप में, जब मैं बड़ी हो रही थी, एक वयस्क महिला के रूप में, उन पुरुषों द्वारा जिन्हें मैं जानती थी, या अजनबियों द्वारा भी.
अगर हम सब, जिन्होंने यौन उत्पीड़न या यौन हमले झेले हैं #MeTOO लिखते हैं तो हम इस समस्या की भयावहता को सामने ला सकते हैं. यदि यह आप पर भी लागू होता है तो कृपया इस स्टेट्स को कॉपी पेस्ट करें, और आप ऐसा करते हुए सुरक्षित महसूस करें.

जीतेंद्र कुमार ( शोधार्थी, दिल्ली विश्वविद्यालय)
#MeToo और कोई ऐसी भी है जो मेरे कारण लिख सकती है #MeTo


Viewing all articles
Browse latest Browse all 1054

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>