Quantcast
Channel: स्त्री काल
Viewing all articles
Browse latest Browse all 1054

अकेली अकेली और अन्य कविताएँ..

$
0
0
मीना खोंड
 मीना खोंड कवितायें लिखती हैं, लन्दन  में रहती हैं. संपर्क : meenakhond@gmail.com

अकेली-अकेली

मै अकेली  बाते करती हूं।
यहाॅ आसपास कोई नहीं ।
फिर किस से बात करती  हूँ?
अपने आप से बात करने की आदत है।
जिंदगी भर  घर के लोगों का साथ था ।
उनकी  सेवा मे मेरा हर पल गुजारा था ।
उनके लिये मेरा जीना था ।
अब अकेली रहती हूं ।
ईश्वर मेरा दोस्त है।
वो मेरा सखा है।
वो मेरे मन मे है
उससे मेरी बाते होती है ।
मेरे साथ मेरा मन है
मन मे ढेर सारी यादें हैं
यादों  मे रिश्ते बसते है
उनसे मेरी बातें होती है
चार दिवारों का घर है
घर मे मेरे कोई नही होता
मै अकेली-अकेली हूँ
मै अकेली बातें करती हूँ।

गरिमा से रहो

जब  कोई दे रही है बिंदियाॅ ,
हरे कांच की चुडियाॅ
कोई लगा रही है कुंकुंम
तो  परहेज क्यों ?
महिलाओं का यह बचपन का हक  है ।
अपना हक अदा करना है ।
पति नही है जब तेरा,
तुझे  दुगनी जिम्मेदारी  संभालनी है ।
इसलिये समाज में  तुम्हे आम महिला की तरह रहना है।
पहले समाज  मे  पतिविहिन औरतों पर बहुत  बंधन थे ।
अन्याय ,अत्याचार ,जुल्म  होते थे ।
अब समाज तुम्हे अपना रहा है ।
समाज मे स्थान दे रहा है ।
तो फिर क्यों दूर भाग रही हो ?
अपने हक का सम्मान से स्वीकार करो ।
अपना अस्तित्व संभालो ।
अपना व्यक्तित्व निखारो ।
जीवन में गरिमा से रहो।

तू लडकी है

तू नही जायेगी वहाॅ
क्वांरी कन्या की पूजा के लिये ।
तू नही है कोई देवी माॅ
तू नही बनेगी माताजी !
तेरे पांव छूना ,तुझे खाना खिलाना
अब नही होगा  ये !!
इधर वे क्वांरी  कन्या के पाँव छूते
उधर उनके गाल चूमते।
देवी समझकर पूजते
और उनके साथ कुकर्म करते ।
अब लडकियाॅ देवी नहीं बनेगी ।
लडकी हैं ,लडकी रहेंगी ।


स्त्रीकाल का प्रिंट और ऑनलाइन प्रकाशन एक नॉन प्रॉफिट प्रक्रम है. यह 'द मार्जिनलाइज्ड'नामक सामाजिक संस्था (सोशायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर्ड) द्वारा संचालित है. 'द मार्जिनलाइज्ड'मूलतः समाज के हाशिये के लिए समर्पित शोध और ट्रेनिंग का कार्य करती है.
आपका आर्थिक सहयोग स्त्रीकाल (प्रिंट, ऑनलाइन और यू ट्यूब) के सुचारू रूप से संचालन में मददगार होगा.
लिंक  पर  जाकर सहयोग करें :  डोनेशन/ सदस्यता 

'द मार्जिनलाइज्ड'के प्रकशन विभाग  द्वारा  प्रकाशित  किताबें  ऑनलाइन  खरीदें :  फ्लिपकार्ट पर भी सारी किताबें उपलब्ध हैं. ई बुक : दलित स्त्रीवाद 
संपर्क: राजीव सुमन: 9650164016,themarginalisedpublication@gmail.com

Viewing all articles
Browse latest Browse all 1054

Trending Articles



<script src="https://jsc.adskeeper.com/r/s/rssing.com.1596347.js" async> </script>