स्त्रीकाल डेस्क
मध्यप्रदेश से भारतीय जनता पार्टी की विधायक पारुल साहू नेवित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर सेनेटरी नैपकिन से जीएसटी हटाने की मांग की है. साहू के अनुसार उन्होंने यह पत्र कामकाजी महिलाओं, विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर लिखा है. साहू कहती हैं, 'हमारे देश के ग्रामीण इलाके की महिलायें सेनेटरी पैड का पहले से ही इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं. इस पर 12% का टैक्स स्थिति को और खराब करेगा.'
साहू से पहले केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी वित्त मंत्री सेआग्रह किया था कि सेनेटरी पैड पर जीएसटी न लगाया जाये. कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने भी इसके खिलाफ मुहीम छेड़ रखी है, जबकि फिल्म कलाकारों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी लहू का लगान नाम से एक सोशल मीडिया कैम्पेन चला रखा है. सरकार पर इन अभियानों का कोई असर नहीं हुआ. गांधी की कर्मभूमि वर्धा से तो छात्राओं के एक संगठन 'युवा'की सदस्य वनश्री वनकर और उसके साथियों ने वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री को सेनेटरी पैड भेजकर अपना विरोध जताया है.
मध्यप्रदेश के सुर्खी से विधायक पारुल साहूआशान्वित हैं कि वित्तमंत्री उनका जरूर सुनेंगे. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है, 'सरकार सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है ताकि महिलाओं का स्वास्थय और स्वच्छता संतुलित रहे. इसलिए मुझे विश्वास है कि आप सेनेटरी नैपकिन पर जीएसटी के निर्णय पर जरूर विचार करेंगे.
मध्यप्रदेश से भारतीय जनता पार्टी की विधायक पारुल साहू नेवित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर सेनेटरी नैपकिन से जीएसटी हटाने की मांग की है. साहू के अनुसार उन्होंने यह पत्र कामकाजी महिलाओं, विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से बातचीत कर लिखा है. साहू कहती हैं, 'हमारे देश के ग्रामीण इलाके की महिलायें सेनेटरी पैड का पहले से ही इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं. इस पर 12% का टैक्स स्थिति को और खराब करेगा.'
साहू से पहले केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी वित्त मंत्री सेआग्रह किया था कि सेनेटरी पैड पर जीएसटी न लगाया जाये. कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने भी इसके खिलाफ मुहीम छेड़ रखी है, जबकि फिल्म कलाकारों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी लहू का लगान नाम से एक सोशल मीडिया कैम्पेन चला रखा है. सरकार पर इन अभियानों का कोई असर नहीं हुआ. गांधी की कर्मभूमि वर्धा से तो छात्राओं के एक संगठन 'युवा'की सदस्य वनश्री वनकर और उसके साथियों ने वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री को सेनेटरी पैड भेजकर अपना विरोध जताया है.
मध्यप्रदेश के सुर्खी से विधायक पारुल साहूआशान्वित हैं कि वित्तमंत्री उनका जरूर सुनेंगे. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है, 'सरकार सेनेटरी पैड के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है ताकि महिलाओं का स्वास्थय और स्वच्छता संतुलित रहे. इसलिए मुझे विश्वास है कि आप सेनेटरी नैपकिन पर जीएसटी के निर्णय पर जरूर विचार करेंगे.