शिलांग में कार्यरत सेना के अफसर की धमकी , गालियों और पीछा किये जाने से डरी मुम्बई की लड़की प्रियंका पांडेय ने मुम्बई के काशी मीरा पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कराई है. इसके पहले प्रियंका ने डिफेन्स सचिव और महिला आयोग को भी पत्र लिखा . काशी मीरा पुलिस स्टेशन ने उनकी शिकायत को अदखल पात्र ( नॉन काग्निजेबल) मानते हुए मामला दर्ज किया है.
गौरतलब है कि शिलांग में कार्यरत सेना का अफसर संदीप कु. चव्हाण प्रियंका को पिछले तीन सालों से मेसेज और फोन के जरिये धमकियां और गालियाँ दे रहा है. इसने प्रियंका के पिता को भी फोन पर गालियाँ और प्रियंका के संदर्भ में अश्लील बातें कहीं, जिसके बाद प्रियंका ने फेसबुक पोस्ट पर अपनी बात लिखी. इसकी धमकियों को दो सालों तक नजरअंदाज करने के बाद पेस्टिसाइड कंपनी में कार्यरत प्रियंका ने डिफेन्स सचिव संजय मित्रा को अपनी शिकायत भेजी है और 30 मई को देर शाम पुलिस में अपनी शिकायत भी दर्ज कराई, जिसे पुलिस ने दखल के लायक न मानते हुए इन्डियन पेनल कोड 507 के तहत अपने यहाँ रजिस्टर कर लिया.
क़ानून के जानकारों के अनुसार पुलिस ने ऐसा इस मामले को टालने के लिए किया है क्योंकि धारा 507 ऐसे मामलों में लगाया जाता है जब धमकी देने वाला अज्ञात हो. शिकायतकर्ता ने न सिर्फ आरोपी का नाम बताया है बल्कि नंबर भी जारी किया है, इसलिए पुलिस आई एक्ट , 66A के तहत मामला दर्ज कर तहकीकात करती तो महिला की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.
लड़की पर तेज़ाब फेकने की धमकी दे रहा है सेना का अफसर
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पीड़िता का एफबी पोस्ट |
गौरतलब है कि शिलांग में कार्यरत सेना का अफसर संदीप कु. चव्हाण प्रियंका को पिछले तीन सालों से मेसेज और फोन के जरिये धमकियां और गालियाँ दे रहा है. इसने प्रियंका के पिता को भी फोन पर गालियाँ और प्रियंका के संदर्भ में अश्लील बातें कहीं, जिसके बाद प्रियंका ने फेसबुक पोस्ट पर अपनी बात लिखी. इसकी धमकियों को दो सालों तक नजरअंदाज करने के बाद पेस्टिसाइड कंपनी में कार्यरत प्रियंका ने डिफेन्स सचिव संजय मित्रा को अपनी शिकायत भेजी है और 30 मई को देर शाम पुलिस में अपनी शिकायत भी दर्ज कराई, जिसे पुलिस ने दखल के लायक न मानते हुए इन्डियन पेनल कोड 507 के तहत अपने यहाँ रजिस्टर कर लिया.
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एनसीआर का पहला पन्ना |
क़ानून के जानकारों के अनुसार पुलिस ने ऐसा इस मामले को टालने के लिए किया है क्योंकि धारा 507 ऐसे मामलों में लगाया जाता है जब धमकी देने वाला अज्ञात हो. शिकायतकर्ता ने न सिर्फ आरोपी का नाम बताया है बल्कि नंबर भी जारी किया है, इसलिए पुलिस आई एक्ट , 66A के तहत मामला दर्ज कर तहकीकात करती तो महिला की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है.
लड़की पर तेज़ाब फेकने की धमकी दे रहा है सेना का अफसर