केरल में एक महिला ने अपने बलात्कारी श्रीहरिउर्फ़ गणेशानंद तीर्थपदा का लिंग काट दिया. इसके बाद महिला ने पुलिस को बताया कि श्रीहरि उर्फ़ गणेशानंद परिवार का धर्मगुरु था और वह तब से उसका यौन उत्पीड़न कर रह था जब वह 16 साल की थी. महिला ने कहा कि शनिवार की सुबह जब श्रीहरि ने उसका बलात्कार करने की कोशिश की तो महिला ने चाकू से उसका लिंग काट दिया.
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने महिला की तारीफ़ करतेहुए इसे 'साहसिक कार्य'बताया. सोशल मीडिया में भी महिला के इस साहसिक कार्य की तारीफ हो रही है.
तिरुवनंतपुरम की पुलिस के अनुसार "परिवार को श्रीहरि परपूरा विश्वास था. 16 साल की उम्र से उसकी हवश का शिकार पीडिता इस बात से डरी हुई थी कि अगर वह बलात्कार का आरोप लगाएगी तो उसका परिवार यकीन नहीं करेगा. इसलिए, जब उसके साथ बलात्कार की कोशिश हुई तो उसने उसका लिंग काट दिया और यह सोचकर अपने घर से भाग गई कि श्रीहरि उसे मार डालेगा."पुलिस ने उस पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण कानून (पोक्सो) और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार के लिए दंड) के विभिन्न प्रावधानों के तहत व्यक्ति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
डाक्टरों द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि "लिंग को वापस जोड़ने का कोई तरीका नहीं है." रैडिकल स्त्रीवादियों का एक समूह मानता है कि बलात्कारियों का लिंग काट दिया जाना चाहिए. यह घटना उसका एक प्रैक्टिकल रूप है.
श्रीहरि पनमना आश्रम का एक सदस्य रहा है,जिससे इस घटना के बाद आश्रम ने पल्ला झाड लिया है.
केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने महिला की तारीफ़ करतेहुए इसे 'साहसिक कार्य'बताया. सोशल मीडिया में भी महिला के इस साहसिक कार्य की तारीफ हो रही है.
तिरुवनंतपुरम की पुलिस के अनुसार "परिवार को श्रीहरि परपूरा विश्वास था. 16 साल की उम्र से उसकी हवश का शिकार पीडिता इस बात से डरी हुई थी कि अगर वह बलात्कार का आरोप लगाएगी तो उसका परिवार यकीन नहीं करेगा. इसलिए, जब उसके साथ बलात्कार की कोशिश हुई तो उसने उसका लिंग काट दिया और यह सोचकर अपने घर से भाग गई कि श्रीहरि उसे मार डालेगा."पुलिस ने उस पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण कानून (पोक्सो) और भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार के लिए दंड) के विभिन्न प्रावधानों के तहत व्यक्ति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
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श्रीहरि उर्फ़ गणेशानंद |
डाक्टरों द्वारा यह स्पष्ट कर दिया गया है कि "लिंग को वापस जोड़ने का कोई तरीका नहीं है." रैडिकल स्त्रीवादियों का एक समूह मानता है कि बलात्कारियों का लिंग काट दिया जाना चाहिए. यह घटना उसका एक प्रैक्टिकल रूप है.
श्रीहरि पनमना आश्रम का एक सदस्य रहा है,जिससे इस घटना के बाद आश्रम ने पल्ला झाड लिया है.