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शिक्षकों का समूह बंटा कुलपति हंगलू के पक्ष और विपक्ष में: राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी

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सुशील मानव 

इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (ऑटा) के पूर्व पदाधिकारियों ने कुलपति रतन लाल हंगलू के खिलाफ माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खुला पत्र लिखकर कुलपति के कार्यकाल में अनियमितताओं की लंबी फेहरिस्त भेजी है.उधर संघ के वर्तमान पदाधिकारी कुलपति के पक्ष में खड़े हैं, इस बीच महिला साहित्यकार ने एबीवीपी नेता अविनाश दुबे पर ब्लैकमेल का आरोप लगाया है. महिला सलाहकार बोर्ड (वैब) की पूर्व अध्यक्ष ने कुलपति के खिलाफ उनके पहले की यूनिवर्सिटी से एक छात्रा की मां की शिकायत प्राप्त होने की बात स्वीकार की है, वहीं वर्तमान अध्यक्ष लालसा यादव ऐसे किसी पत्र से इनकार करती रही हैं. पढ़ें पूरी  रिपोर्ट: 



इलाहबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (ऑटा) के पूर्व पदाधिकारियों ने कुलपति रतन लालहंगलू के खिलाफ माननीय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को खुला पत्रलिखकर कुलपति के कार्यकाल में अनियमितताओं की लंबी फेहरिस्त भेजी है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय को लगातार कुलपति के खिलाफ शिकायतें भेजी जाने के बावजूद कुलपति पर अब तक कोई कार्रवाई न होने और उच्च शिक्षा नियामकों पर चुप्पी साधे रहनेवाले पदाधिकारियों के खिलाफ भी आवाज उठायी गयी है. पूर्व पदाधिकारियों  के पत्र में  गौतम राजू की अध्यक्षता में गठित यूजीसी की कमिटी की ओर से कुलपति की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाये गये हैं.

आरोप जो लगाए गए हैं :
1. इविवि की प्रवेश परीक्षाओं एवं अन्य परीक्षाओं में व्यापक अनियमितता
2. इविवि की आधिकारिक बैठकों में अध्यापकों व अधिकारियों के प्रति अपमानजनक टिप्पणियां करना
3. इविवि एवं संघटक कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती में स्क्रीनिंग, शॉर्ट लिस्टिंग, विशेषज्ञों के चयन, अकादमिक 4. क्षमता, और शोध संबंधी आकलन में की गयी व्यापक अनियमितता एवं पक्षपातपूर्ण चयन.
5. अधिनियम, परिनियम एवं यूजीसी के रेगुलेशन में वर्णित प्रावधानों का व्यापक उल्लंघन, जिनके कारण उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दाखिल हुईं. कुलपति को कई  बार न्यायालय की अवमानना का आरोप झेलना पड़ा और एक बार तो न्यायालय के आदेश पर कुलपति एवं कुलसचिव के वेतन पर भी रोक लगा दी गई. 6. प्रशासनिक निर्णयों में मनमानी एवं नियमानुसार चुने गये अथवा नामित पदाधिकारियों को भ्रामक तथ्यों के आधार पर पद मुक्त करना. वरिष्ठता सूची में मनचाहा परिवर्तन कर देना और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत की सतत अवहेलना.वहीं

इविवि प्रशासन की ओर से एचआरडी मंत्रालय को भेजी गई जांच रिपोर्ट पर छात्रसंघ के वर्तमान व पूर्व अध्यक्षों ने सवाल उठाते हुए कहा है कि बिना कोई जांच हुए ही इविवि प्रशासन कैसे कोई जांच रिपोर्ट भेज सकता है .

लालसा यादव का झूठ  
वहीं इविवि की महिला सलाहकार बोर्ड (वैब) की पूर्व अध्यक्ष  प्रो रंजना कक्कड़ ने दावा किया है कि कुलपति रत्न लालहंगलू के खिलाफ कल्याणी यूनिवर्सिटी की छात्रा की मां की ओर से दो पत्र इविवि वैब को भेजा गया था उसकी मूलप्रति मेरे पास है. जबकि कुछ दिन पहले वैब की वर्तमान अध्यक्ष लालसा यादव ने ऐसे किसी पत्र से इनकार किया था.  प्रो रंजना कक्कड़ ने बताया कि वहपत्र 16 मई 2016 को मिला था. हालांकि कि वो दिसंबर 2015 में रिटायर होने गई थी लेकिन उन्हें जून 2016 तक का सत्र लाभ मिला था. उन्होंने मूल प्रति अपने पास जबकि एक प्रति कॉलेज के रिकार्ड में रख दिया था. उनके रिटायर होने के बाद मामले को दबा दिया गया.
वहीं छात्रों के तीव्र विरोध के बाद आरोपी कुलपति  रतन लालहंगलू  आज होनेवाले इविवि के स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होंगे ऐसी सूचना मिली है. इस बीच 24 सितंबर को जिले की तमाम महिला संगठनों द्वारा आरोपी कुलपति के खिलाफ सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर विरोध प्रदर्शन की कॉल की गई है.

महिला साहित्यकार को धमकी मामले में नया मोड़ 
पिछले दिनों जिस महिला साहित्यकार के साथ कुलपति की अश्लील बातचीत का स्क्रीन शॉट वायरल हुआ था उसे दिल्ली स्थित आवास पर धमकी की खबर आई थी. धमकी वाले दिन और समय पर एबीवीपी के नेता अविनाश दुबे के उस इलाके में होने की पुष्टि हुई है. गौरतलब है कि महिला साहित्यकार ने कहा था कि उसे धमकी देने आये लोग कुलपति के लोग थे. छात्रनेता अविनाश दूबे ने उस वक्त गाजियाबाद जाने की बात कबूल कर ली है लेकिन उसका कहना है कि वह धमकाने नहीं बल्कि महिला के बुलाने पर गया था.

वहीं इस बाबत जब महिला साहित्यकार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि 'न तो मैंने इसे बुलाया था न ही इसे कोई चैट का स्क्रीनशॉट दिया था. उलटे ये बंदा खुद मुझे पिछले चार महीने से गंदे मेसेजेज भेजकर और कॉल करके पूछता था कि रतन लालहंगलू तुम्हारे यहां क्यों आता है, क्या करता है. इस वाल के जवाब में कि जब वो आपको चार महीने से परेशान कर रहा था तो आपने उसके खिलाफ महिला हेल्पलाइन में कोई शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई, महिला साहित्यकार ने कहा कि प्रो रतन लालहंगलू को भी वो मेसेजेज भेजकर धमकाता था इस बारे में खुद हंगलू ने मुझसे कहा था कि वो जल्द ही अविनाश दूबे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने जा रहे हैं. तो अविनाश दूबे ने जो मेसेजेज मुझे भेजे थे वो भी मैंने कुलपति रतनलाल हंगलू को फॉरवर्ड कर दिये थे कि दोनों मामले की एक ही शिकायत में निपटारा हो जायेगा.'

वहीं छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ऋचा सिंह  द्वारा इविवि के छात्रों की तरफ से कल एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. जिसमें बताया गया है कि विश्वविद्यालय लगातार ग़लत सूचना के माध्यम से छात्रों समेत मंत्रालय को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है. एक तरफ़ विश्वविद्यालय द्वारा जांच कमेटी गठित होती है और जिनकी अध्यक्षता में गठित होती वो किसी भी सूचना से इंकार करते हैं।  दूसरी तरफ़ बिना जाँच हुए, कौन से रिपोर्ट मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अवकाश के दिन, जब विश्वविद्यालय और मंत्रालय दोनों जगह अवकाश था, भेजी गयी है ?? यह अपने आप मे संदेहस्पद है और विश्वविद्यालय की मंशा पर सवाल खड़े करती है।
जब छात्र लगातार परिसर में आंदोलनरत है, ऐसे समय मे विश्वविद्यालय द्वारा इतने असंवेदनशील व्यवहार से छात्र- छात्राओं में लगातार गुस्सा बढ़ रहा है। आज छात्रों द्वारा "ट्विटर ट्रेंड"के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से कुलपति की बर्खास्तगी की माँग की गयी।

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